दिल्ली-NCR और पंजाब समेत देश के कई हिस्सों में तेज भूकंप के झटके, गुरुग्राम में रोकी गई मेट्रो
दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश में था। भूकंप के झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, जम्मू कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों में महसूस किए गए हैं। ये झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। अफगानिस्तान में रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.6 बताई जा रही है। रिक्टर पैमाने पर इतनी तीव्रता के भूकंप को काफी खतरनाक माना जाता है।
हरियाणा के गुरुग्राम में भूकंप के झटके इतने तेज थे कि मेट्रो को भी रोक दिया गया। वहीं यूपी के नोएडा और गाजियाबाद में ये झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इसका वीडियो भी सामने आया है।
भूकंप के तेज झटकों के साथ ही ये खबर सामने आई कि दिल्ली के शकरपुर में एक बिल्डिंग झुक गई है। ये बिल्डिंग मेट्रो पिलर नंबर 51 के पास है। हालांकि जब दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं तो ये बात पूरी तरह अफवाह निकली।
भूकंप के ये झटके पाकिस्तान में भी महसूस किए गए हैं। पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और पेशावर में भी भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। यहां भी लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। अफगानिस्तान का हिंदुकुश भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है।
जम्मू कश्मीर में भी भूकंप के झटके इतने तेज थे कि लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। श्रीनगर से जो वीडियो सामने आया है, उसमें लोग अपने घरों के बाहर खड़े हुए हैं।
हर साल दुनिया में करीब 20 हजार भूकंप आते हैं लेकिन उनकी तीव्रता इतनी ज्यादा नहीं होती कि लोगों को भारी नुकसान हो। नेशनल अर्थक्वेक इंफोर्मेशन सेंटर इन भूकंप को रिकॉर्ड करता है। जानकारी के मुताबिक, 20 हजार में से केवल 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान होता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप हिंद महासागर में 2004 में आया था। ये भूकंप 10 मिनट तक महसूस किया गया था।
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता का अंदाजा कैसे लगा सकते हैं?
- 0 से 1.9 सीज्मोग्राफ से मिलती है जानकारी
- 2 से 2.9 बहुत कम कंपन पता चलता है
- 3 से 3.9 ऐसा लगेगा कि कोई भारी वाहन पास से गुजर गया
- 4 से 4.9 घर में रखा सामान अपनी जगह से नीचे गिर सकता है
- 5 से 5.9 भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकता है
- 6 से 6.9 इमारत का बेस दरक सकता है
- 7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं
- 8 से 8.9 सुनामी का खतरा, ज्यादा तबाही
- 9 या ज्यादा सबसे भीषण तबाही, धरती का कंपन साफ महसूस होगा